हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी इश्मीत सिंह जी ने अपनी पूरी श्रद्धा और नमन व्यक्त करते हुए गुरु नानक देव जयंती के शुभ अवसर पर बड़ी उत्सुकता के साथ यह पर्व मनाया,और उन्होंने गुरुद्वारे जाकर गुरु नानक देव जी को पुष्प अर्पित किए|
और उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी सिख समुदाय के प्रथम धर्म गुरु और मानव धर्म के रचनाकार हैं,गुरुजी ना केवल एक धर्म या किसी विशेष धर्म के गुरु थे बल्कि संपूर्ण सृष्टि के जगद्गुरु थे इश्मीत सिंह जी ने नानक जी के उपदेश “इमानदारी व दृढ़ता से कमाई कर,’आय’ का कुछ भाग जरूरतमंदों को दान करना चाहिए”यह बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप अपनी जरूरतों से ज्यादा ‘आय’करते हैं तो उसमें से कुछ मदद उन जरूरतमंदों को करे जिन्हें उसकी ज्यादा जरूरत है|
यह कहकर इश्मीत जी ने अपने बड़े और नेक दिल होने का सबूत फिर एक बार अपने चाहने वालों के प्रति दिखाया शायद इसलिए क्योंकि वह महान आत्मा गुरु नानक देव के उपदेश अनुसार चलते हैं|