पश्चिम रेलवे मुंबई डिविजन, इंजीनियरिंग विभाग में बढ़ता भ्रष्टाचार
रिपब्लिकन पार्टी कार्यकर्ता और ठेकेदार त्रिभुवन विश्वकर्मा ने पश्चिम रेलवे मुम्बई डिवीजन में अरुण कुमार मीणा ( मंडल अभियंता साउथ मुम्बई सेंट्रल ) के खिलाफ शिकायत दर्ज किया है।
उनके अनुसार 7,5,19 को टेंडर खोला गया जोन 4 साल 2019/20 का 12 जून, साल 2019 का रेट ज्यादा बताकर केंसल किया कर दिया गया, उन्होंने बताया कि पिछले साल 2018 में इसी अधिकारी ने टेंडर पास किया था, पिछले साल के मुकाबले इस साल शिकायतकर्ता ने रेट कम किया था, इसके बावजूद अधिकारी ने रेट ज्यादा बताते हुये टेंडर रद्द कर दिया। शिकायतकर्ता त्रिभुवन विश्वकर्मा को लगता है कि कहीं ना कहीं अधिकारी द्वारा पक्षपात हो रहा है, ऐसे में ठेकेदारों को काम करने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तंग आकर ठेकेदारों ने इसकी शिकायत रेलमंत्री पीयूष गोयल व पश्चिम रेलवे मुम्बई डिवीजन अधिकारी को इसकी जानकारी लिखित में दी है, ठेकेदारों की माने तो उनको इसमें साजिश की बू नज़र आ रही है। अधिकारी के मनपसंद ठेकेदारों को ही ठेका दिया जा रहा है और हैरानी की बात तो यह है कि टुडे आउट पेमेंट सुविधा के अनुसार उन्हें पेमेंट सेम डे दिया जा रहा है, कही ना कही नियम और कानून को ताक पर रख कर काम हो रहा है।
इनकी मांग है कि इसकी जांच हो अभियंता (प्रधान) ने हमारे साथ जानबूझ कर ऐसा क्यों किये और इन अधिकारियो के पहचान के जो ठेकेदार है तो उनके साथ बातचीत कर उनको टेंडर दे दिया जाता है और उन ठेकेदार को टूडे आउट पेमेंट की सुविधा भी दिया जाता है जबकि पुराने ठेकेदारों को काम पूरा होने के बावजूद पैसे के लिए अधिकारियों के धक्के खाने पड़ते है, समय पर पैसे नही मिलते जबकि रेलवे में सबके लिए सामान्य नियम कानून है। ऑनलाइन टेंडर भरने के बाद ऑनलाइन के माध्यम से EMD वापस क्यों नही किया जाता है, ठेकेदार को क्यों परेशान किया जाता है। अभी जोन 4 का टेंडर केंसल हुआ है उसमे ठेकेदारों को काफी बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ा है।