दादासाहेब फाल्के अवार्ड इस सरकारी पुरस्कार की अहमियत को समझकर फिल्म जगत के दिग्गजो ने टेक्निशियन की अहमियत को मध्य नज़र रखते हुए इस अवार्ड को डिजाइन कर के शुरुआत की है, इस अवार्ड को पाकर फ़िल्म जगत का टेक्निशियन खुद को धन्य समझता है। दादासाहेब फाल्के अकाडमी अवार्ड से दादासाहेब फाल्के फिल्म फाऊंडेशन अवार्ड तक का तीस सालो से ज्यादा के सफर में करीब तीन हजार से ज्यादा आर्टिस्ट और टेक्निशियन जीन में दिलीप कुमार, अमीतभ बच्चन, शाहरूख खान, टायगर श्रौफ तक की सारी पीढ़ी के आर्टिस्ट और टेक्निशियन को इस अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया है।
इस अवार्ड समारोह में पुर्व राष्ट्रपति प्रतीभा ताईं और कई दिग्गज नेताओं और पायलेट बाबा और अन्य साधु संतों ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ा कर फिल्म जगत को सराहा और आशीर्वाद दिया है।
इस कार्यक्रम की सुर्वात स्व.चंद्रशेखर जी, स्व.मदनजी जैन, श्रीमती नीना जलान, राम गोपाल गुप्ता तथा स्व.प्रभात पांडे जी ने की थी और अशोक शेखरजी तथा अन्य हस्तीयो ने इसे आगे बढ़ाकर अब इस प्रेस्टीजिअस अवार्ड शो की जिम्मेदारी आशफाक खोपेकर, बाबू भाई थीबा और उन की टीम ने दस सालों से संभाली है, अशोक शेखर जी के सहयोग से ।
हर अच्छे काम में तक्लीफ आती है वैसे ही इस कार्यक्रम की गरिमा को खराब करने की कोशिश कुछ फ़िल्म जगत के नाकाम ऊंचों पदों को हतया कर बैठे लोग कर रहे हैं। दादासाहेब फाल्के के नाम से गैर फि़ल्मी लोगों से अवार्ड करवा कर अपना मनसुभा पुरा करने की कोशिश में लगे हैं।
फिल्म जगत के लाखों आर्टिस्ट, टेक्निशियंस और मजदूर जीस संन्मान की उम्मीद रखते हैं उस दादासाहेब फाल्के फिल्म फाऊंडेशन अवार्ड की गरिमा सदैव कायम रखने में आशफाक खोपेकर और बाबुभाई थीबा के साथ साथ फिल्म जगत की मशहूर हस्तियां मेहनत और ईमानदारी से काम कर रहे है।
फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के योगदान को मध्येनजर रखते हुए, फील्म उद्योग के कामयाब हस्तियों की माताओं को सम्मानित करने हेतु माता सरस्वती बाई फाल्के अवार्ड की शुरुआत की है। इस साल फिल्म जगत को महान हस्ती (डायरेक्टर /राईटर/आर्टिस्ट / फिल्म मेकर या अन्य) देने वाली महान माता को माता सरस्वती बाई फाल्के अवार्ड देकर सम्मानित करने का निर्णय दादासाहेब फाल्के फिल्म फाऊंडेशन अवार्ड कमीटी ने लिया है।
—-आशफाक खोपेकर
प्रेस्टीजिअस दादासाहेब फाल्के फिल्म फाऊंडेशन अवार्डस २०२४